Priyanka06

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लेखनी कहानी -27-Apr-2022 प्रेरणा

रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-प्रेरणा

लगा सकते हो तो बाग लगाओ,
आग लगाना मत सिखाओ।
दिखा सकते हो तो राह दिखाओ,
राह भटकाना मत सिखाओ।

जला सकते हो दीप जलाओ,
ह्रदय जलाना मत सिखाओ।
गाना हो तो हरी गुणगान गाओ,
बूरा बोलना मत सिखाओ।

बढ़ा सकते हो तो ज्ञान बढ़ाओ,
क्रोध को मत बढ़ाओ,
पिला सकते हो तो जल पिलाओ,
जहर पिलाना मत सिखाओ।

कमा सकते हो पुण्य कमाओ,
पाप करना मत सिखाओ,
निभा सकते हो तो फर्ज निभाओ,
किसी को दर्द देना मत सीखाओ।

बन सकते हो तो गुणवान बनो तुम,
अवगुण बन्ना मत सीखो,
भूला सकते हो तो गम भुलाओ,
किसी की याद भुलाना मत सीखो।

कर सकते हो तो सत्कर्म करना सिखाओ
आलस करना मत सिखाओ
बड़ा सको तो ज्ञान बढ़ाओ

शान बढ़ाना मत सिखाओ।

लगा सकते हो तो बाग लगाओ।
आग लगाना मत सिखाओ।।

सप्ताहा की चौथी कविता

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5 Comments

Seema Priyadarshini sahay

28-Apr-2022 08:24 PM

बहुत खूबसूरत

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Zainab Irfan

27-Apr-2022 09:03 PM

Very nice

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Fareha Sameen

27-Apr-2022 03:02 PM

Very nice

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